Mere Aangan Me Tulsi Lehraye Re Bhajan Lyrics | मेरे आँगन में तुलसी लहराये रे भजन लिरिक्स

“मेरे आँगन में तुलसी लहराये रे” एक भक्ति से भरा हुआ मधुर भजन है, जो तुलसी के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करता है। हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा पवित्र और पूजनीय माना जाता है। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है, बल्कि इसे शुद्धता, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। इस भजन में तुलसी के गुणों की सराहना की गई है, जैसे उसकी सुगंध, मंदिर की शोभा बढ़ाने की क्षमता और भक्तों के मन को आकर्षित करना। तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है और इसके बिना कोई भी पूजा-अर्चना अधूरी मानी जाती है। यह भजन सरल और दिल को छूने वाले शब्दों में भक्तों को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करता है।


मेरे आँगन में तुलसी लहराये रे भजन लिरिक्स

लहर लहर लहराए रे मेरे आँगन की तुलसी

इस तुलसी में क्या-क्या गुण है
कहो क्या-क्या गुण है
बोलो क्या-क्या गुण है
ये तो हवा में खुशबू फैलाए रे
मेरे आँगन की तुलसी

लहर लहर लहराए रे मेरे आँगन की तुलसी

इस तुलसी में क्या-क्या गुण है
कहो क्या-क्या गुण है
बोलो क्या-क्या गुण है
ये तो मंदिर की शोभा बढ़ाए रे
मेरे आँगन की तुलसी

लहर लहर लहराए रे मेरे आँगन की तुलसी

इस तुलसी में क्या-क्या गुण है
कहो क्या-क्या गुण है
बोलो क्या-क्या गुण है
तुलसी बिन प्रभु भोग न पाए रे
मेरे आँगन की तुलसी

लहर लहर लहराए रे मेरे आँगन की तुलसी

इस तुलसी में क्या-क्या गुण है
कहो क्या-क्या गुण है
बोलो क्या-क्या गुण है
ये तो भक्तों के मन को भाए रे
मेरे आँगन की तुलसी

लहर लहर लहराए रे मेरे आँगन की तुलसी

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